केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने सोमवार को एक अंतरिम आदेश जारी कर केरल सरकार को सिविल सेवा बोर्ड की बैठक बुलाए बिना आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति, स्थानांतरण और पोस्टिंग के आदेश जारी नहीं करने का निर्देश दिया।
यहां न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुनील थॉमस और प्रशासनिक सदस्य केवी ईपेन की कैट पीठ ने केरल आईएएस अधिकारी संघ द्वारा दायर एक याचिका पर आदेश जारी किया, जिसमें सिविल सेवा बोर्ड की सिफारिश के बिना आईएएस अधिकारियों के लगातार स्थानांतरण और पोस्टिंग आदेश जारी करने का आरोप लगाया गया था।
अंतरिम आदेश में कहा गया है, “…केरल राज्य को निर्देश दिया जाएगा कि वह सिविल सेवा बोर्ड की बैठक और सिफारिशों के बिना आईएएस कैडर पदों के संबंध में नियुक्ति, स्थानांतरण और पोस्टिंग के आदेश जारी न करें।”
ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया कि सिविल सर्विसेज बोर्ड की बैठक क्यों नहीं बुलाई गई।
ट्रिब्यूनल ने कहा, “आवश्यक रूप से, यह माना जाना चाहिए कि तथ्यों के आधार पर आवेदकों के आरोप प्रथम दृष्टया विवादित नहीं हैं।”
एसोसिएशन ने प्रस्तुत किया कि कैडर अधिकारियों का औसत कार्यकाल दो साल की निर्धारित न्यूनतम अवधि के मुकाबले एक वर्ष से भी कम हो गया है, यहां तक कि जिला कलेक्टर, सरकार के सचिव और महत्वपूर्ण विभागों के विभागाध्यक्ष जैसे संवेदनशील पदों पर भी बैठक न होने के कारण बोर्ड।
एसोसिएशन ने दावा किया, “न्यूनतम, उचित कार्यकाल, जो न्यूनतम संतोषजनक प्रदर्शन के लिए एक शर्त है, का पालन नहीं किया जाता है।”
ट्रिब्यूनल ने अब मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी तय की है।