मंगलवार को उत्तर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (Advocate Protection Bill) तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया गया।
न्याय अनुभाग द्वारा जारी कार्यालय-ज्ञाप में कहा गया है:
“उ0प्र0 में एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल तैयार करने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हेतु शासन द्वारा निम्नवत समिति गठित की जाती है :-
1. प्रमुख सचिव, विधायी विभाग, उ0प्र0 शासन- अध्यक्ष
2. अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, उ0प्र0- सदस्य
3. उ0प्र0 राज्य विधिज्ञ परिषद, प्रयागराज द्वारा नामित प्रतिनिधि- सदस्य
2. उक्त समिति बैठक कर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर अपना मत स्थिर करते हुए अपने सुझाव / संस्तुति राज्य विधि आयोग, उ0प्र0 को विचारार्थ एवं अग्रेतर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रस्तुत करेगी”
उत्तर प्रदेश में हापुड़ जिले में अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा किये गए लाठीचार्ज के बाद प्रदेश के वकीलों में रोष व्याप्त हो गया था जिसके फलस्वरूप 30 अगस्त से उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया।
करीब 15 दिन से अधिक के आंदोलन के बाद सरकार के शीर्ष अधिकारियों से बार कौंसिल के अध्यक्ष और समिति कि बैठक हुई जिसमे हापुड़ पुलिस प्रशाशन के खिलाफ कार्यवाही से सम्बंधित मांग के साथ-साथ उ0प्र0 में एडवोकेट प्रोटेक्शन लागू करने करने हेतु समिति बनाने पर सहमति बनी।
इसके बाद उत्तर प्रदेश बार कौंसिल ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया।
आपको बता दे की राजस्थान भारत में पहला राज्य है जहां एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू है।