महाराष्ट्र के ठाणे जिले की अदालत ने सात साल पहले एक गृहिणी और उसके बच्चे का अपहरण करने और उसके पति से पैसे ऐंठने के लिए 27 वर्षीय एक व्यक्ति को 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रचना तेहरा ने बुधवार को अपने आदेश में दिवा निवासी दोषी मणिकंदन सेल्वराज नादर पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया।
अदालत ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में मामले के एक अन्य आरोपी को भी बरी कर दिया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक संध्या एच म्हात्रे ने अदालत को बताया कि जून 2016 में गृहिणी और उसकी 3 साल की बेटी का उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वे एक ऑटोरिक्शा स्टैंड पर जा रहे थे।
दो लोग महिला और उसकी बेटी को कार में एक सुनसान जगह पर ले गए और गृहिणी से 1 लाख रुपये की मांग की। महिला ने उनसे जबरन वसूली की रकम घटाकर 20,000 रुपये करने की गुहार लगाई और अपने पति को मौके पर बुलाया।
अदालत को बताया गया कि उसके पति से 20,000 रुपये निकालने के अलावा, दोनों ने उसके 17,000 रुपये के आभूषण भी छीन लिए।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने नादर के खिलाफ सभी आरोपों को सफलतापूर्वक साबित कर दिया है, जबकि उसके साथी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
अदालत के कांस्टेबल विद्यासागर कोली ने कहा, अभियोजन पक्ष के कुल 12 गवाहों से पूछताछ की गई।