जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-2 ने तय कीमत से 25 रुपये अधिक वसूलने को दुकानदार का सेवा दोष माना है। इसके साथ ही आयोग ने गोआ काजूवाला पर उपभोक्ता को मानसिक संताप पहुंचाने पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है।
इसके साथ ही आयोग ने परिवाद व्यय के तौर पर पांच हजार रुपये अतिरिक्त अदा करने को कहा है। आयोग ने कहा कि राशि का भुगतान एक माह में नहीं करने पर दुकानदार को नौ फीसदी ब्याज भी देना होगा। वहीं आयोग ने अधिक वसूली गई 25 रुपये की राशि भी ब्याज सहित लौटाने को कहा है। आयोग ने यह आदेश मुदित कुमार शर्मा की ओर से दायर परिवाद को स्वीकार करते हुए दिए।
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने 24 अक्टूबर, 2019 को वैशाली नगर स्थित काजूवाला से अन्य सामान के साथ ही ढाई सौ ग्राम किशमिश का पैकेट खरीदा था। इसके बदले दुकानदार ने उससे 375 रुपये वसूले थे। जब परिवादी ने घर जाकर देखा तो किशमिश के पैकेट पर एमआरपी 350 रुपये ही थी। दुकानदार ने एमआरपी पर अलग से 375 रुपये का टेप लगाकर उससे 25 रुपये अतिरिक्त वसूल लिए।
परिवादी ने दुकानदार से जब अधिक वसूले 25 रुपए मांगे तो दुकान के कर्मचारियों ने रुपए लौटाने से इनकार कर दिया। इस पर परिवादी की ओर से परिवाद पेश कर कहा गया कि दुकानदार ने गंभीर सेवा दोष कारित किया है और यह अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस की श्रेणी में आता है। ऐसे में उसे क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए। आयोग की ओर से दुकानदार को नोटिस जारी करने के बावजूद भी उसकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस पर आयोग ने एक पक्षीय कार्रवाई अमल में आते हुए दुकानदार पर हर्जाना लगाया है।