बीते दिन अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर निर्माणाधीन चार लेन पुल के गिरने के मामले की बुधवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में बिहार सरकार ने जवाब के लिए हाई कोर्ट से समय मांगा है। इसके लिए सरकार को हलफनामा दाखिल करना होगा। इस मामले में अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी। हाई कोर्ट में इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर और ललन कुमार ने याचिका दायर की थी।
दरअसल, इससे पहले पूर्व न्यायाधीश पूर्णेन्दु सिंह की एकल पीठ ने अगुवानी-सुल्तानगंज पुल गिरने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी एसपी सिंगला के एमडी को आज कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था। न्यायालय ने एक वर्ष में दो बार पुल के गिर जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन पर राज्य सरकार एवं ठेकेदार के लचीले रवैये पर आपत्ति जताई थी।
हाई कोर्ट ने निर्माण कंपनी सिंघला को एक रिपोर्ट दायर करने का आदेश जारी किया था। इसमें पुल की लंबाई, डीपीआर, मिट्टी की गुणवत्ता रिपोर्ट, पुल में इस्तेमाल हुए सामान, ब्रिज के डिजाइन, पुल को बनाने की पूरी लागत समेत सभी तरह की संपूर्ण जानकारी देने को कहा गया था।