मानहानि मामले में हाई कोर्ट ने सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाई

दिल्ली हाई कोर्ट से भाजपा सांसद मनोज तिवारी को राहत मिली है। हाई कोर्ट ने मनोज तिवारी के खिलाफ दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से दाखिल आपराधिक मानहानि के मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

दरअसल, मनीष सिसोदिया ने मनोज तिवारी, विजेंद्र गुप्ता, मनजिंदर सिंह सिरसा, हरीश खुराना, हंसराज हंस और प्रवेश वर्मा के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया है। 28 नवंबर, 2019 को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तिवारी समेत छह नेताओं के खिलाफ समन जारी किया था।

READ ALSO  डीपफेक वीडियो पर तीन साल जेल और जुर्माना भ— केंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को याद दिलाया

सिसोदिया की याचिका में कहा गया है कि मनोज तिवारी समेत छह नेताओं ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं। सिसोदिया ने कहा है कि इन नेताओं ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में झूठे आरोप लगाकर हमारी छवि खराब करने की कोशिश की। 

Video thumbnail

याचिका में कहा गया है कि इन नेताओं ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के कक्षाओं के निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया गया है।

मनोज तिवारी ने 1 जुलाई, 2019 को एक प्रेस कांफ्रेंस में एक आरटीआई के हवाले से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मनोज तिवारी ने कहा था कि जो क्लासरुम 892 करोड़ रुपये में बन सकते थे, उनके निर्माण में दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया। 

READ ALSO  भारत के सम्मान को बदनाम करना UAPA के तहत आतंकवादी कृत्य नहीं; सरकार की आलोचना करने पर दंडित नहीं किया जा सकता: जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट

तिवारी ने आरोप लगाया था कि इस काम के लिए 34 ठेकेदारों को ठेका दिया गया था, जिसमें कुछ मंत्रियों के रिश्तेदार भी शामिल हैं। तिवारी ने केजरीवाल और सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की थी। सिसोदिया ने इसे लेकर इन नेताओं को अपने बयान वापस लेने के लिए लीगल नोटिस भी भेजा था।

Ad 20- WhatsApp Banner
READ ALSO  भारतीय मूल की शालीना को बाइडन ने बनाया फेडरल जज

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles