दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सभी समाचार चैनलों को श्रद्धा वाकर हत्या मामले में चार्जशीट की सामग्री प्रदर्शित करने या चलाने से रोक दिया।
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि दिल्ली पुलिस द्वारा दायर याचिका के निस्तारण तक कोई भी समाचार चैनल इस तरह की सामग्री प्रदर्शित न करे।
यह आदेश दिल्ली पुलिस की एक याचिका पर पारित किया गया था, जिसमें आरोप पत्र और मामले में जांच के दौरान एकत्र की गई अन्य सामग्री में निहित गोपनीय जानकारी को प्रकाशित करने, छापने और प्रसारित करने से मीडिया घरानों को रोकने की मांग की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने प्रस्तुत किया कि आज तक समाचार चैनल को आरोपी आफताब पूनावाला के नार्को विश्लेषण वीडियो तक पहुंच प्राप्त हुई है और चैनल को ट्रायल कोर्ट द्वारा ऐसी कोई सामग्री दिखाने से रोक दिया गया था।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अन्य सभी चैनलों के खिलाफ भी आदेश पारित किए जाने की जरूरत है क्योंकि हो सकता है कि वीडियो दूसरों के साथ साझा किया गया हो और अगर प्रसारित किया जाता है, तो इससे मामले पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
हाईकोर्ट ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 3 अगस्त को सूचीबद्ध किया।
पूनावाला पर पिछले साल 18 मई को महरौली में अपनी लिव-इन पार्टनर वाकर का गला घोंटने और उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है।
दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को मामले में 6,629 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी।