यहां की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद, उनके बेटे उमर अहमद और 15 अन्य के खिलाफ 2018 में व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण के मामले में आरोप तय किए।
विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने अभियोजन एजेंसी सीबीआई को 17 अप्रैल को अपने गवाह पेश करने का निर्देश दिया।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अतीक को कोर्ट में पेश किया गया। बाकी आरोपी कोर्ट में मौजूद थे।
अभियोजन पक्ष के अनुसार व्यवसायी जायसवाल की शिकायत के आधार पर कृष्णा नगर थाने में 28 दिसंबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
आरोप है कि अतीक अहमद ने जेल में रहते हुए अपने साथियों के जरिये गोमतीनगर स्थित अपने कार्यालय से उसका अपहरण करा लिया. बाद में उन्हें देवरिया जेल ले जाया गया, जहां अतीक अहमद ने उनके साथ मारपीट की, एक कोरे कागज पर उनके हस्ताक्षर लिए और फिर उनकी 45 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़प ली।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 12 जून, 2019 को मामले की जांच शुरू की।
सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान चार अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की थीं।
हाल ही में प्रयागराज की एक एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और दो अन्य को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
100 से अधिक मुकदमों का सामना कर रहे अहमद की यह पहली सजा थी। समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अहमद वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं।