सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत देते हुए समन आदेश के जवाब में पेश होने वाले अभियुक्तों को रिमांड देने वाली निचली अदालतों की प्रथा पर सवाल उठाया

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देखा कि देश के कुछ हिस्सों में आरोपी व्यक्तियों को समन के जवाब में पेश होने पर रिमांड पर भेज दिया जाता है और इस वजह से आरोपी व्यक्ति उन मामलों में भी गिरफ्तारी की आशंका जताते हैं जहां उनकी हिरासत नहीं मांगी जाती है।

यह टिप्पणी जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और पंकज मित्तल की खंडपीठ ने एक आरोपी को गिरफ्तारी से पहले जमानत देते हुए की थी।

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इस मामले में जांच एजेंसी (सीबीआई) आरोपी की कस्टडी नहीं मांग रही थी बल्कि ट्रायल कोर्ट की वजह से गिरफ्तारी की आशंका जता रही थी.

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यह ध्यान रखना उचित है कि सिद्धार्थ बनाम यूपी राज्य में, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चार्जशीट को रिकॉर्ड पर लेने के लिए अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर जोर देने के लिए कुछ अदालतों की प्रथा सही नहीं है और यह उनके इरादे के खिलाफ है। धारा 170 सीआरपीसी।

शीर्षक: महदूम बावा बनाम सीबीआई

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