दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले 7 इंडोनेशिया और 11 भारतीयों के ऊपर प्रयागराज के शाहगंज थाने में दर्ज मुकदमे से बरी कर दिया गया है । अभियुक्त गणों के खिलाफ आईपीसी की धारा 14 बी धारा 188, 269,270,271 और महामारी अधिनियम धारा 3 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने दिल्ली जमात में शामिल होने के बाद भारत भृमण के दौरान घूम घूम कर कोरोना के दिशानिर्देशों का उलंघन किया है। सभी विदेशी अभियुक्तों को टूरिस्ट वीजा पर भारत आये और बिना सूचना दिए प्रयागराज जनपद में आने को वीजा शर्तों का उल्लंघन बताया गया है।
इसी मुकदमे के खिलाफ अभियुक्तों ने सीजेएम कोर्ट लखनऊ में मुकदमे से डिस्चार्ज करने की एप्लिकेशन फ़ाइल की थी।
जिसमें वरिष्ठ वकील काजी सबयूर रहमान और जिया जिलानी ने अपनी दलीलें पेश की सभी दलीलों के आधार पर सीजेएम सुशीला कुमारी ने यह माना कि अभियुक्त गण भारत भृमण के लिए आये हुए थे और उनके द्वारा किसी भी तरह के कोरोना गाइडलाइंस का उलंघन नही किया गया है और विदेशी अभियुक्तों पर दर्ज मुकदमे को निरस्त करते हुए आरोपों से बरी कर दिया है।