तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति चल्ला कोडंडा राम और न्यायमूर्ति नागेश भीमपाका ने 29 नवंबर, 2024 को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि तेलंगाना मोटर वाहन कराधान अधिनियम, 1963 की अनुसूची VII के तहत दूसरे वाहन के स्वामित्व के लिए 2% अतिरिक्त कर लागू नहीं होगा, यदि पहला वाहन नए वाहन के पंजीकरण से पहले बेचा गया हो।
यह निर्णय श्री अलूर वेंकट रोहन राव द्वारा दायर रिट याचिका संख्या 33567/2024 में आया, जिन्होंने अपनी नई खरीदी गई महिंद्रा XUV 700 के लिए अतिरिक्त कर मांग को चुनौती दी थी।
मामले की पृष्ठभूमि
याचिकाकर्ता, श्री राव ने 11 नवंबर, 2024 को नियॉन मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से एक महिंद्रा XUV 700 (डीजल AT 7-सीटर, मिडनाइट ब्लैक) खरीदी। लिमिटेड को ₹23,99,000 की एक्स-शोरूम कीमत पर खरीदा था। उन्होंने अनुसूची VI के तहत 18% की दर से वाहन कर के रूप में ₹4,31,820 का भुगतान किया। हालांकि, जब उन्होंने स्थायी पंजीकरण के लिए क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (RTA) से संपर्क किया, तो RTA ने अतिरिक्त ₹86,990 की मांग की, जिसमें कहा गया:
1. ₹25,93,999 की उच्च एक्स-शोरूम कीमत, जिसके परिणामस्वरूप ₹47,980 की अंतर कर मांग हुई।
2. अनुसूची VII के तहत 2% कर, यह तर्क देते हुए कि याचिकाकर्ता के पास अस्थायी पंजीकरण के समय एक और वाहन था।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उसने नए वाहन का स्थायी पंजीकरण पूरा करने से पहले 13 नवंबर, 2024 को अपना पिछला वाहन (पंजीकरण संख्या AP 11 AP 5694) बेच दिया था।
मुख्य कानूनी मुद्दे
1. क्या आरटीए द्वारा दावा की गई एक्स-शोरूम कीमत का उपयोग विपरीत साक्ष्य के बावजूद कर गणना के लिए किया जा सकता है।
2. क्या अस्थायी पंजीकरण के समय याचिकाकर्ता के पास किसी अन्य वाहन का स्वामित्व था, जो अनुसूची VII के तहत 2% अतिरिक्त कर को उचित ठहराता है।
तर्क और प्रस्तुतियाँ
याचिकाकर्ता के लिए:
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील श्री ए. गिरिधर राव ने तर्क दिया:
– अनुसूची VII के तहत कर केवल तभी लागू होते हैं जब करदाता के पास स्थायी पंजीकरण के समय एक से अधिक वाहन हों।
– याचिकाकर्ता का पिछला वाहन 13 नवंबर, 2024 को बेचा गया था और तीसरे पक्ष को हस्तांतरित किया गया था, जैसा कि स्वामित्व हस्तांतरण प्रमाणपत्र से स्पष्ट है।
– अस्थायी पंजीकरण कर उद्देश्यों के लिए स्थायी पंजीकरण से अलग है, जैसा कि रोहित नयनी बनाम तेलंगाना राज्य में स्पष्ट किया गया है।
– कर कानूनों की करदाता के पक्ष में सख्ती से व्याख्या की जानी चाहिए।
प्रतिवादियों की ओर से:
सरकारी वकील श्री एम. विग्नेश्वर रेड्डी ने तर्क दिया:
– आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार वाहन की एक्स-शोरूम कीमत ₹25,93,999 थी, जो अंतर कर को उचित ठहराती है।
– याचिकाकर्ता के पास अस्थायी पंजीकरण के समय एक और वाहन था, जिसके लिए 2% अतिरिक्त कर देना उचित था।
अदालत की टिप्पणियाँ
साक्ष्यों की जाँच करने के बाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाया। इसने निम्नलिखित मुख्य टिप्पणियाँ कीं:
– जीएसटी चालान और डीलर के पत्र से पुष्टि के अनुसार एक्स-शोरूम कीमत ₹23,99,000 थी, जो आरटीए के दावे के विपरीत है।
– अनुसूची VII के तहत अतिरिक्त 2% कर लागू नहीं किया जा सकता था क्योंकि याचिकाकर्ता का पिछला वाहन नए वाहन के स्थायी पंजीकरण से पहले बेचा जा चुका था।
न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया: “जब अधिनियम में ‘नए वाहन के पंजीकरण के समय’ कहा जाता है, तो इसका तात्पर्य आरटीए कार्यालय में भौतिक पंजीकरण की तिथि से है, न कि डीलर द्वारा बनाए गए अस्थायी पंजीकरण से।”
न्यायालय के निर्देश
तेलंगाना हाईकोर्ट ने आरटीए को निर्देश दिया:
1. याचिकाकर्ता के वाहन को बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए आरक्षित संख्या टीजी 11 ए 5858 के तहत पंजीकृत करें।
2. ₹4,31,820 के कर भुगतान को अंतिम और पर्याप्त के रूप में स्वीकार करें।