साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में जांच की समीक्षा: कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज परिसर में एक महिला विधि छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की पुलिस जांच की समीक्षा करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को चार सप्ताह के भीतर मामले की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास डे की खंडपीठ ने कोलकाता पुलिस की केस डायरी और एक सीलबंद लिफाफे में राज्य सरकार द्वारा सौंपी गई प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन किया। रिपोर्ट 25 जून को हुए कथित गैंगरेप की जांच से संबंधित नवीनतम घटनाक्रमों को रेखांकित करती है, जिसमें एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों की संलिप्तता बताई गई है।

अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 17 जुलाई तय की है और पीड़िता के परिवार की ओर से पेश अधिवक्ता को रिपोर्ट की एक प्रति सौंपने का निर्देश भी दिया — साथ ही यह सख्त हिदायत दी कि रिपोर्ट की सामग्री सार्वजनिक रूप से साझा न की जाए।

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यह निर्देश अदालत के 3 जुलाई के आदेश के क्रम में आया है, जिसमें राज्य सरकार को केस डायरी और एक प्रगति शपथपत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। इस “हृदयविदारक घटना” को लेकर अब तक तीन जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं, जिसके चलते अदालत ने जांच और संस्थागत विफलताओं की न्यायिक समीक्षा शुरू की है।

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अदालत और याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे निम्नलिखित हैं:

प्रवेश नियंत्रण में चूक: अदालत ने पूछा कि कॉलेज का पूर्व छात्र मनोजित मिश्रा सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए कॉलेज परिसर में देर रात कैसे प्रवेश कर गया।

बिना उद्देश्य के स्टाफ की उपस्थिति: अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि कॉलेज स्टाफ कार्यालय समय के बाद बिना किसी स्पष्ट प्रशासनिक जिम्मेदारी या निगरानी के परिसर में क्यों मौजूद था।

रोकथाम में विफलता: याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पीड़िता द्वारा पहले दिए गए चेतावनियों और खतरों को कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने नजरअंदाज किया।

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सुरक्षा व्यवस्था की कमी: अदालत ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि अनधिकृत प्रवेश रोकने के लिए वर्तमान में क्या निगरानी तंत्र लागू है।

एक याचिकाकर्ता ने यह मांग भी की कि मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाए, यह आरोप लगाते हुए कि मुख्य आरोपी मिश्रा के सत्तारूढ़ दल से राजनीतिक संबंध हैं, जिससे स्थानीय पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा होता है।

अन्य याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय की निगरानी में जांच और राज्य भर के शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा उपायों की मांग की है।

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अब तक कोलकाता पुलिस ने चार आरोपियों — मनोजित मिश्रा, वर्तमान छात्र प्रोमित मुखर्जी और ज़ैद अहमद, और कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड — को गिरफ्तार किया है। चारों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं।

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