“संसद भवन भी वक्फ घोषित हो सकता था”: किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा

बुधवार को लोकसभा में एक गरमागरम सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया, जिससे सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच टकराव और तेज़ हो गया। रिजिजू ने दावा किया कि अगर बीजेपी समय पर हस्तक्षेप नहीं करती, तो पिछली कांग्रेस सरकार संसद भवन जैसी महत्वपूर्ण संपत्तियों को भी वक्फ संपत्ति घोषित करने की राह खोल सकती थी।

यह विधेयक 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के उद्देश्य से लाया गया है, ताकि मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई संपत्तियों का प्रबंधन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके। रिजिजू ने कहा कि यह संशोधन आवश्यक है क्योंकि पिछली सरकार ने वक्फ अधिनियम को अन्य क़ानूनों पर प्रभावी बना दिया था, जिससे कई विसंगतियाँ उत्पन्न हुईं। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के समय 123 संपत्तियों को डी-नोटिफाई कर वक्फ बोर्ड को सौंप दिया गया था, जिससे भविष्य में ऐसी कार्रवाई रोकने के लिए इस संशोधन की ज़रूरत है।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट का फैसल- पत्नी गुजारा भत्ता पर वसीयत संपत्ति की मालकिन नहीं बन सकती- जानिए पूरा निर्णय

रिजिजू ने यह स्पष्ट किया कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय से ज़मीन या मस्जिदें छीनने का प्रयास नहीं है। बल्कि इसका उद्देश्य एक “धर्मनिरपेक्ष और समावेशी” वक्फ प्रणाली तैयार करना है, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जाएगी। विधेयक में यह प्रावधान है कि वक्फ परिषद में अधिकतम चार गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें दो महिलाएं शामिल होंगी, ताकि विविध प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।

विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने रिजिजू के बयानों का विरोध किया और बीजेपी पर मुस्लिम समुदाय को हाशिए पर धकेलने का आरोप लगाया। संविधान की प्रति लहराते हुए गोगोई ने कहा कि इस विधेयक का असली मक़सद देश को बदनाम करना और समाज में विभाजन पैदा करना है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक के परीक्षण की प्रक्रिया का बचाव किया और कहा कि यह विधेयक चर्चा और सोच-विचार के बाद लाया गया है, जबकि कांग्रेस सरकार के समय ऐसा नहीं होता था। शाह ने कहा, “हमारी समिति चर्चा करती है, बहस के आधार पर निर्णय लेती है और फिर बदलाव करती है।”

लोकसभा में इस विधेयक पर चर्चा और पारित करने के लिए आठ घंटे निर्धारित किए गए हैं, जिसके बाद यह 3 अप्रैल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वक्फ संशोधन विधेयक की यह पेशकश सत्ता और विपक्ष के बीच नीति और शासन को लेकर चल रही खींचतान का एक और अहम पड़ाव बन गई है।

READ ALSO  तेलंगाना हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने हाई कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों पर "गंभीर असंतोष" व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles