उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा मामले में पारदर्शिता के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की सराहना की

हाल ही में दिए गए एक बयान में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ इन-हाउस जांच से संबंधित दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करने के फैसले की सराहना की। यह जांच उस समय शुरू की गई थी जब न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास पर नकदी मिलने का आरोप सामने आया।

धनखड़ ने इस कदम को “अभूतपूर्व” और “सही दिशा में उठाया गया कदम” बताया, साथ ही न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की अहमियत पर बल दिया। उन्होंने कहा, “स्वतंत्रता के बाद पहली बार, किसी मुख्य न्यायाधीश ने अपने पास उपलब्ध सभी दस्तावेज़ों को इतनी पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ सार्वजनिक डोमेन में रखा है।” उन्होंने समिति की रिपोर्ट के परिणामों को लेकर आशा व्यक्त की और कहा कि इससे न्यायपालिका में जनता का विश्वास और मजबूत होगा।

READ ALSO  बिना सोचे-समझे स्वीकृति देना अस्वीकार्य है: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर पुनर्मूल्यांकन नोटिस को खारिज किया

धनखड़ ने ये टिप्पणियाँ एक बैठक के दौरान कीं, जिसमें सदन के नेता जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल थे। इस चर्चा में न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों और उससे संबंधित प्रक्रियाओं पर विचार हुआ। गौरतलब है कि ये मामला सबसे पहले 21 मार्च को राज्यसभा में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश द्वारा उठाया गया था।

Video thumbnail

न्यायपालिका की निष्पक्षता और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता को और मज़बूत करते हुए, मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने आरोपों की गहराई से जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जीएस संधावालिया, और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं।

READ ALSO  पुणे पोर्श दुर्घटना: किशोर के दादा गिरफ्तार, सीसीटीवी से छेड़छाड़ का आरोप सामने आया

धनखड़ ने इस समिति के गठन की सराहना करते हुए खड़गे के उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया जिसमें इस मुद्दे पर संसद के फ्लोर लीडर्स के साथ चर्चा की बात कही गई थी। उन्होंने इस मामले पर आगे विचार-विमर्श के लिए एक बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया, ताकि सभी कार्यवाहियाँ पारदर्शिता के साथ हों और भारत की संस्थाओं की गरिमा बनी रहे।

READ ALSO  विक्रोली स्टेशन पर हॉकरों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles