सुप्रीम कोर्ट के बाहर एक वकील और डॉग लवर के बीच झड़प हो गई, जब अदालत ने आवारा कुत्तों को रिहायशी इलाकों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में वकील को एक नागरिक को पकड़कर दो बार थप्पड़ मारते और धक्का देते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद वहां मौजूद लोग बीच-बचाव करते हैं। वीडियो में पृष्ठभूमि में लोगों के चिल्लाने और गालियां देने की आवाजें भी सुनाई देती हैं। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा तब शुरू हुआ जब पशु अधिकार कार्यकर्ता और कोर्ट के आदेश का समर्थन करने वाले वकील आपस में बहस कर रहे थे।
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जस्टिस जे.बी. पारदीवाला की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के नगर निकायों को तत्काल डॉग शेल्टर बनाने के निर्देश दिए। इन शेल्टर में प्रशिक्षित कर्मचारी, नसबंदी और टीकाकरण की सुविधा, और सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया, ताकि कुत्ते भाग न सकें।
जस्टिस पारदीवाला ने कहा, “हम यह अपने लिए नहीं कर रहे हैं, यह जनहित में है। इसलिए किसी भी तरह की भावनाओं को इसमें नहीं जोड़ा जाना चाहिए। जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी इलाकों से कुत्तों को उठाकर शेल्टर में ले जाया जाए और फिलहाल नियमों को भूल जाएं।
यह आदेश राजधानी क्षेत्र में बढ़ते डॉग बाइट मामलों और रेबीज से हुई मौतों के मद्देनज़र दिया गया। हालांकि, इस पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने इस आदेश को “अव्यावहारिक”, “वित्तीय रूप से असंभव” और “पारिस्थितिक संतुलन के लिए हानिकारक” बताया।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने आश्वासन दिया है कि रिहायशी इलाकों में आवारा कुत्तों पर लगी रोक के आदेश पर पुनर्विचार किया जाएगा।