उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार पुलिस को निर्देश दिया है कि वह मंगलाौर निवासी मो. सफी और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करे। सफी ने वर्ष 2018 में मंगलाौर नगर पालिका में तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का खुलासा किया था।
याचिका के अनुसार, 2018 में मंगलाौर नगर पालिका के तत्कालीन अध्यक्ष पर सरकारी धन के दुरुपयोग और कई अनियमितताओं के आरोप लगे थे। सफी द्वारा खुलासा किए जाने के बाद जांच हुई और संबंधित अधिकारी को भविष्य में चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहरा दिया गया।
सफी ने अदालत को बताया कि उस समय से लेकर अब तक उन्हें और उनके परिवार को लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने की वजह से उनकी जान को हमेशा खतरा बना रहता है।

याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि 2018 में भी हाईकोर्ट ने उन्हें पुलिस सुरक्षा देने का आदेश दिया था, लेकिन धमकियां अब भी जारी हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने हरिद्वार थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि वह सफी और उनके परिवार को आवश्यक सुरक्षा उपलब्ध कराएं।