उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हजारों बी.फार्मा उम्मीदवारों को राहत प्रदान की

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में हजारों बी.फार्मा उम्मीदवारों को राहत प्रदान की है, जिसमें उन उम्मीदवारों को भी परीक्षा प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति दी गई है, जो शुरू में आवश्यक प्रथम श्रेणी के मानदंडों को पूरा नहीं करते थे। यह निर्णय राज्य पॉलिटेक्निक में 527 विभिन्न रिक्त पदों को भरने के लिए अधिसूचना में निर्धारित शर्तों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के बाद आया है।

इससे पहले, 7 जुलाई को जारी एक अधिसूचना में निर्दिष्ट किया गया था कि केवल बी.फार्मा में प्रथम श्रेणी वाले उम्मीदवार ही आवेदन करने के पात्र हैं, जिससे कई उम्मीदवार भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए थे। पौड़ी के विनोद सहित अन्य याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि यह शर्त अन्यायपूर्ण है क्योंकि इससे द्वितीय श्रेणी और अन्य योग्यता वाले सक्षम उम्मीदवारों को भाग लेने से रोक दिया गया है। उन्होंने अदालत से सभी बी.फार्मा स्नातकों को पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने का आग्रह किया, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य ने 2015 से ऐसी अधिसूचनाएँ जारी नहीं की हैं, जिससे कई योग्य व्यक्ति लंबे समय तक अनिश्चितता में हैं।

इस मामले की अध्यक्षता न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने की, जिन्होंने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। इस निर्णय से उम्मीदवारों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अवसर खुलने और रिक्तियों को अधिक समावेशी रूप से संबोधित करने की उम्मीद है। पॉलिटेक्निक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्ष भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अदालत के आदेश के कार्यान्वयन की निगरानी की जाएगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles