उत्तराखंड हाई कोर्ट ने उधम सिंह नगर जिले में राशन कार्डों में हेराफेरी से जुड़े कथित घोटाले की गहन जांच का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ द्वारा गुरुवार को जारी किए गए इस निर्देश में राज्य सरकार को चार महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
स्थानीय निवासी दीपेश कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में अदालत का यह फैसला आया है। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि हजारों गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) राशन कार्डों को अवैध रूप से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) में बदल दिया गया, जिससे लोगों को समाज के सबसे जरूरतमंद तबके के लिए सरकारी खाद्य सब्सिडी का अनुचित लाभ मिल रहा है।
जनहित याचिका में आगे के आरोपों में विभागीय अधिकारियों और राशन डीलरों के बीच मिलीभगत का संकेत दिया गया है, जिसमें उन पर निजी लाभ के लिए घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है। इस प्रणालीगत हेरफेर ने कथित तौर पर कल्याण वितरण प्रणाली की अखंडता को कमजोर कर दिया है, जिससे जवाबदेही की मांग उठ रही है।
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आरोपों की गंभीरता और सार्वजनिक विश्वास और कल्याण पर संभावित प्रभाव को पहचानते हुए, हाई कोर्ट ने पारदर्शी और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी की भागीदारी की भी मांग की है। सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ निष्कर्षों और की गई कार्रवाई के साथ अदालत को वापस रिपोर्ट करेगी।