उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला प्रशासन को महात्मा गांधी और गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को उनके वर्तमान स्थलों से स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी है। अदालत ने कहा कि यह कदम क्षेत्र में यातायात की भीड़ को कम करने और पैदल यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि प्रतिमाओं का स्थानांतरण सार्वजनिक सुविधा और सुगम आवागमन के उद्देश्य से किया जा रहा है।
अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों प्रतिमाएं उनके वर्तमान स्थान से 15 मीटर दूर निर्धारित नए स्थानों पर चार महीने के भीतर पुनः स्थापित की जाएं। साथ ही, जिला मजिस्ट्रेट को प्रतिमाओं की मरम्मत और आवश्यक संरक्षण कार्य करने की भी अनुमति दी गई है।

जनहित याचिका में प्रशासन के इस कदम को नैनीताल सौंदर्यीकरण योजना की आड़ में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का मामला बताते हुए चुनौती दी गई थी। हालांकि, अदालत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह कदम शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और नागरिक सुविधा के हित में है।
कोर्ट के आदेश के अनुपालन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पहले ही हटा ली गई है। यह प्रतिमाएं दशकों से गांधी चौक और पंत पार्क नामक स्थलों पर स्थित थीं, जो शहर की पहचान का हिस्सा मानी जाती रही हैं।