इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के मुख्य आयुक्त को गुटखा विज्ञापनों में दिखाई देने वाले फिल्म सितारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले पहले के प्रतिनिधित्व का जवाब नहीं देने के लिए नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की पीठ ने मोतीलाल यादव द्वारा दायर अवमानना याचिका पर आदेश पारित किया और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की मुख्य आयुक्त निधि खरे से पूछा कि उन्हें अदालत की कथित अवमानना के लिए दंडित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख नौ अक्टूबर तय की।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि हाईकोर्ट ने 22 सितंबर, 2022 को गौबा और खरे को उनकी याचिका पर फैसला करने का निर्देश दिया था, जब उन्होंने बॉलीवुड सितारों अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अजय देवगन, शाहरुख खान, सैफ अली खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। और रणबीर कपूर को गुटखा कंपनियों के विज्ञापनों में दिखने के लिए।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उन्होंने 15 अक्टूबर, 2022 को अपना प्रतिनिधित्व प्रस्तुत किया था, लेकिन आज तक, उनके प्रतिनिधित्व पर निर्णय नहीं लिया गया है और न ही फिल्म सितारों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है।