अदालत ने यूपी के पूर्व मंत्री प्रजापति को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया

सांसद-विधायक कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सबूतों के अभाव में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में बरी कर दिया।

सुनवाई के दौरान प्रजापति की पत्नी व अमेठी विधायक महाराजी देवी व उनके कई समर्थक मौजूद रहे.

प्रजापति को लखनऊ जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लाकर न्यायालय में पेश किया गया।

Video thumbnail

मामला अमेठी कोतवाली क्षेत्र से जुड़ा है जहां 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस उपनिरीक्षक अमरेंद्र नाथ बाजपेयी ने 28 जनवरी को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार प्रजापति के खिलाफ जुलूस निकालकर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था. समर्थकों के साथ नामांकन

मामले की सुनवाई विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए योगेश यादव की अदालत में चल रही थी, जहां बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि पूर्व मंत्री को केवल राजनीतिक दुश्मनी के कारण फंसाया गया है.

READ ALSO  घरेलू हिंसा कानून के तहत शादी साबित करने के लिए डीएनए टेस्ट पर्याप्त नहीं: हाईकोर्ट

प्रजापति के वकील संतोष कुमार पांडेय ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद सबूतों के अभाव में अदालत ने पूर्व मंत्री को बरी कर दिया.

प्रजापति लखनऊ जेल में एक अलग मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।

Related Articles

Latest Articles