पूरे ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की मांग वाली याचिका पर 22 मई को सुनवाई

ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति ही नहीं बल्कि पूरे ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग वाली याचिका मंगलवार को जिला जज की अदालत में दायर की गई। इस पर 22 मई को सुनवाई होगी। अदालत ने प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को आपत्ति दाखिल करने के लिए 19 मई तक समय दिया है।

याचिका राम प्रसाद सिंह, महंत शिवप्रसाद पांडेय, लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने दाखिल की। याचिका दाखिल करने के पहले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने ज्ञानवापी शृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं के साथ बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन किया। ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग जैसी आकृति मिलने के एक वर्ष पूरे होने पर वादी महिलाओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक और पूजन किया। इस दौरान मंदिर परिसर से ही महिलाओं ने पूरे ज्ञानवापी परिसर की एएसआई सर्वे कराने की मांग की।

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अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों को बताया कि हम लोगों ने अदालत से पूरे विवादित स्थल की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार तकनीक से एएसआई से सर्वे कराने की मांग की है।

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पिछले सप्ताह इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी एएसआई को आकृति की वैज्ञानिक पद्धति से जांच के आदेश दिए हैं। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद वादिनी महिलाएं चाहती हैं कि एएसआई पूरे ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच एवं कार्बन डेटिंग करे। महिलाओं के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वे होने पर ही सच्चाई सामने आ जाएगी। इसीलिए पूरे ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच के लिए एक अलग याचिका दाखिल की गई है।

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