विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी और तीन अन्य को फेफना में राष्ट्रीय राजमार्ग को कथित रूप से अवरुद्ध करने से संबंधित 13 साल पुराने एक मामले में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार पांच अगस्त 2010 को फेफना थाने के तत्कालीन प्रभारी टीपी सिंह ने तिवारी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेंद्र यादव व दो अन्य के खिलाफ धारा 143 (जानबूझकर गैर कानूनी जमावड़े में शामिल होने व परेशान करने) के तहत मामला दर्ज कराया था. सार्वजनिक शांति), 341 (गलत तरीके से किसी व्यक्ति को रोकना) और 186 (स्वेच्छा से एक लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना)।
आरोप है कि फेफाना सीट से दो बार भाजपा विधायक रहे तिवारी ने विभिन्न मांगों को लेकर फेफना तिराहे पर भीड़ एकत्रित कर प्रात: 7 बजे से 11 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्ग को अवैध रूप से जाम कर दिया था.
विशेष न्यायाधीश तपस्या त्रिपाठी ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में तिवारी समेत चारों आरोपियों को बरी कर दिया.
तिवारी योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कार्यकाल में खेल मंत्री थे।