दिल्ली की एक अदालत ने M/s Vintage Credit and Leasing Pvt. Ltd. द्वारा राज सिंह के खिलाफ दायर धनादेश प्रतितोष अधिनियम, 1881 की धारा 138 के तहत मामले में आरोपी को दोषी ठहराया। लेकिन इस फैसले के बाद अदालत कक्ष में गंभीर अवमाननापूर्ण घटना घटी, जिसमें आरोपी और उसके अधिवक्ता ने खुले कोर्ट में मजिस्ट्रेट को धमकियां दीं।
यह मामला Ct. Cases 18139/2019 शीर्षक से पिछले पाँच वर्षों से लंबित था। 2 अप्रैल 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (NI Act)-05, शिवांगी मंगला ने फैसला सुनाते हुए आरोपी राज सिंह को दोषी करार दिया, क्योंकि उसने विप्रेषित चेक जारी किया था जो अनादृत हो गया था — जो कि NI Act की धारा 138 का उल्लंघन है।
दोषसिद्धि के बाद कोर्टरूम में हुई अभूतपूर्व घटना
2 अप्रैल 2025 के आदेश के अनुसार, फैसला सुनते ही आरोपी ने “गंभीर क्रोध” प्रकट किया और खुले अदालत कक्ष में पीठासीन मजिस्ट्रेट को परेशान करना शुरू कर दिया। आदेश में दर्ज है कि आरोपी ने अभद्र और अशोभनीय भाषा में टिप्पणी करते हुए जज की माता का उल्लेख करते हुए अपशब्द कहे और मजिस्ट्रेट पर वस्तु फेंकने का प्रयास किया।

आरोपी ने अपने अधिवक्ता श्री अतुल कुमार से कहा कि वह “कुछ भी करो, फैसला अपने पक्ष में कराओ”। आदेश के अनुसार, इसके बाद आरोपी और उसके वकील दोनों ने धमकियां देना जारी रखा, जिसमें उन्होंने कहा:
“तू है क्या चीज़ ………….की तू बाहर मिल, देखते हैं कैसे ज़िंदा घर जाती है……..”
उन्होंने मजिस्ट्रेट पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया और धमकी दी कि यदि फैसला बदला नहीं गया तो झूठे आरोपों की शिकायत दर्ज कराएंगे। जज ने आदेश में लिखा:
“फिर भी, मैं सभी बाधाओं के बावजूद न्याय के पक्ष में आवश्यक कार्य करती रहूंगी।”
जज ने यह भी उल्लेख किया कि वह इस उत्पीड़न और धमकियों के संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली के समक्ष उपयुक्त कार्यवाही के लिए अग्रसर होंगी।
अदालत की कार्रवाई
इस व्यवहार को देखते हुए अदालत ने आरोपी के वकील श्री अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है कि उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए। साथ ही, आरोपी को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437A के अंतर्गत जमानत बंधपत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
मामला: M/s Vintage Credit and Leasing Pvt. Ltd. बनाम राज सिंह
मामला संख्या: Ct. Cases 18139/2019
पीठासीन मजिस्ट्रेट: शिवांगी मंगला, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (NI Act)-05, दक्षिण-पश्चिम जिला, द्वारका कोर्ट, नई दिल्ली