त्रिपुरा हाई कोर्ट ने मंगलवार को समग्र शिक्षा शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति अरिंदम लोध ने दलीलें सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी।
शिक्षकों की ओर से याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता कौशिक रॉय ने कहा, “हमें अभी तक फैसले की प्रति नहीं मिली है। एक बार जब हमें आदेश की प्रति मिल जाएगी, हम इसका विश्लेषण करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे।”
राज्य में 2002 से केंद्र के समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत लगभग 5,000 शिक्षक विभिन्न स्कूलों में काम कर रहे हैं।
इन शिक्षकों को प्रति माह 25,000-30,000 रुपये मिलते हैं। वे भी पत्ते पाने के हकदार हैं।
राज्य के एक अधिकारी ने कहा, “समग्र शिक्षा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरह एक केंद्रीय योजना है। उनकी सेवाओं के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए सरकार उनकी सेवा को नियमित नहीं कर सकती है।”