ठाणे की मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने 2018 में हुए एक सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए 29 वर्षीय युवक को ₹13.5 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायाधिकरण के सदस्य आर.वी. मोहिटे ने 2 जुलाई को पारित किया, जिसकी प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।
पीड़ित पप्पू बालू घाघस 15 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मुरबाड से पडघा की ओर कार से जा रहे थे, तभी एक तेज़ गति से आ रही पिकअप गाड़ी विपरीत दिशा में आकर उनकी कार के पिछले दरवाज़े से टकरा गई। टक्कर के कारण कार पास की नाली में गिर गई, जिससे उन्हें कई हड्डियों में फ्रैक्चर और मस्तिष्क में गंभीर चोट लगी, जिसके कारण उन्हें 13 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा और फिर लम्बे समय तक बाह्य रोगी के रूप में इलाज चला।
घाघस ने दावा किया कि वह एक पर्यवेक्षक (सुपरवाइज़र) के रूप में ₹20,000 प्रति माह कमाते थे, लेकिन न तो उनकी आय का कोई दस्तावेज़ प्रस्तुत किया गया और न ही उनके नियोक्ता (जो स्वयं भी दुर्घटना में घायल हुए थे) ने गवाही दी। इस आधार पर न्यायाधिकरण ने उनकी अनुमानित मासिक आय ₹12,000 निर्धारित की।

मेडिकल रिकॉर्ड के आधार पर न्यायाधिकरण ने उनकी कार्यात्मक अक्षमता 20% मानी, हालांकि यह भी उल्लेख किया गया कि विकलांगता प्रमाण पत्र जारी करने वाले डॉक्टर उनके उपचारकर्ता नहीं थे और कुछ फ्रैक्चर पहले ही ठीक हो चुके थे।
अंततः न्यायाधिकरण ने ₹13.5 लाख मुआवज़े की राशि तय की, जिसमें शामिल हैं:
- भविष्य की आय की हानि के लिए ₹5.18 लाख
- भविष्य की संभावनाओं के लिए ₹2.07 लाख
- इसके अतिरिक्त चिकित्सा खर्च, पीड़ा और कष्ट, विशेष आहार तथा यातायात व्यय की राशि
न्यायाधिकरण ने वाहन मालिक (जो कार्यवाही में अनुपस्थित रहे) और बीमा कंपनी (जिसने दावा का विरोध किया) को संयुक्त रूप से यह मुआवज़ा देने का आदेश दिया, जिसमें याचिका दायर करने की तारीख से राशि जमा होने तक 9% वार्षिक ब्याज लगेगा।
दावाकर्ता के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि कुल मुआवज़े में से ₹5 लाख की राशि राष्ट्रीयकृत बैंक में पाँच वर्षों की सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) में निवेश की जाएगी, जबकि शेष राशि खाता भुगतान योग्य चेक (अकाउंट पेयी चेक) के माध्यम से दी जाएगी।