ठाणे की मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण (MACT) ने एक सड़क दुर्घटना में मारे गए 24 वर्षीय आईटी इंजीनियर के माता-पिता को ₹49.46 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह हादसा जनवरी 2019 में महाराष्ट्र के ठाणे शहर के घोड़बंदर रोड पर हुआ था।
2 अगस्त को पारित आदेश में अधिकरण के सदस्य आर.वी. मोहिते ने इस दुर्घटना को संयुक्त लापरवाही का परिणाम माना। अधिकरण ने ट्रक चालक को 75 प्रतिशत और मृतक स्वप्निल सुरेश गुलवी को 25 प्रतिशत लापरवाह ठहराया।
दावा याचिका स्वप्निल के माता-पिता ने दायर की थी। याचिका के अनुसार, 11 जनवरी 2019 को स्वप्निल अपनी मोटरसाइकिल से घोड़बंदर रोड पर एक बस को दाहिने ओर से ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, जब बस चालक ने कथित तौर पर अचानक ब्रेक लगाया। इससे उसकी बाइक बस से टकरा गई और वह गिर पड़ा। तभी पीछे से आ रहे एक ट्रक ने उसे कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

हालांकि, अधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि बस चालक के अचानक ब्रेक लगाने का कोई प्रमाण रिकॉर्ड में नहीं है, इसलिए उसे लापरवाही से मुक्त किया गया।
अधिकरण ने यह भी कहा कि मृतक और ट्रक चालक दोनों ने आगे चल रहे वाहनों से सुरक्षित दूरी नहीं बनाई, जिससे दुर्घटना हुई। “जब उचित दूरी न तो मृतक ने और न ही ट्रक चालक ने बनाए रखी, तो दुर्घटना के लिए पूरी लापरवाही पीछे चल रहे वाहनों की है,” अधिकरण ने कहा।
सुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि ट्रक तेज रफ्तार में था। इन तथ्यों के आधार पर अधिकरण ने ट्रक चालक की लापरवाही 75% और मृतक की लापरवाही 25% मानी।
मृतक की मासिक आय ₹30,000 मानते हुए अधिकरण ने भविष्य की आय, संभावनाएं और अन्य मुआवजे को मिलाकर कुल ₹65,94,700 का आंकलन किया। मृतक की 25% लापरवाही घटाने के बाद अंतिम मुआवजा राशि ₹49,46,025 तय की गई।
अधिकरण ने ट्रक मालिक और बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वे यह राशि संयुक्त रूप से याचिकाकर्ताओं को भुगतान करें, साथ ही याचिका दायर करने की तारीख से 9% वार्षिक ब्याज भी दें।