ठाणे जिले की एक अदालत ने 2019 में घरेलू कलह को लेकर अपनी मां की हत्या के लिए 54 वर्षीय एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसबी अग्रवाल ने 16 जनवरी को सुनाए फैसले में आरोपी सोमनाथ जीवन मित्रा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अनिल पी लाडवंजारी ने कहा कि पीड़िता (70) और आरोपी भायंदर में मांडली झील क्षेत्र की एक इमारत के एक कमरे में रहते थे। मां और बेटे के बीच अक्सर झगड़े होते रहते थे, जो मुख्य रूप से आरोपी के बेरोजगार होने के इर्द-गिर्द घूमता था।
30 मार्च 2019 को जब पीड़िता को आरोपी के पास पैसे मिले तो दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। चोरी का संदेह होने पर उसने उससे पूछताछ की, जिस पर उसने आक्रामक प्रतिक्रिया दी। एपीपी लाडवंजारी ने कहा, क्रोधित मित्रा ने अपनी मां को बालों से खींचा और उसका सिर फर्श पर पटक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
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मुकदमे के दौरान, माँ-बेटे के पड़ोसियों और एक मुखबिर सहित प्रमुख गवाहों ने क्रूर हमले को देखने की गवाही दी।
न्यायाधीश अग्रवाल ने प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर विचार किया और आरोपी के खिलाफ सभी आरोपों को साबित करने में अभियोजन पक्ष की सफलता को स्वीकार किया, जिससे उसे दोषी ठहराया गया और बाद में सजा सुनाई गई।
लाडवंजारी ने खुलासा किया कि मित्रा के खिलाफ आरोप स्थापित करने के लिए मुकदमे के दौरान कुल 19 गवाहों से पूछताछ की गई।