वोडाफोन-आइडिया की एजीआर अतिरिक्त मांग रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 26 सितंबर को करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड की उस याचिका पर सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की है, जिसमें वर्ष 2016–17 तक की अतिरिक्त एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मांगों को रद्द करने की गुहार लगाई गई है।

मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया की पीठ ने यह आदेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (वोडाफोन आइडिया की ओर से) और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (केंद्र सरकार की ओर से) की दलीलें सुनने के बाद पारित किया।

मेहता ने कहा कि अब परिस्थितियाँ बदल चुकी हैं और दोनों पक्ष समाधान ढूंढना चाहते हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करते हैं।”

Video thumbnail

कंपनी ने 8 सितंबर को नई याचिका दायर कर दूरसंचार विभाग (DoT) को निर्देश देने की मांग की कि वह 3 फरवरी 2020 की डिडक्शन वेरिफिकेशन गाइडलाइंस के अनुसार 2016–17 तक की एजीआर बकाया राशि का व्यापक पुनर्मूल्यांकन और मिलान करे।

READ ALSO  क्या अनुशासनिक कार्यवाही में कर्मचारी के खिलाफ समानांतर आपराधिक मामले में प्रस्तुत दस्तावेजों पर भरोसा किया जा सकता हैं? जानिए हाईकोर्ट का निर्णय

इससे पहले इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित अन्य कंपनियों की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं, जिनमें एजीआर बकाया की गणना में कथित त्रुटियों और दोहराव को सुधारने की मांग की गई थी।

अक्टूबर 2019 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर की परिभाषा पर दूरसंचार विभाग की व्याख्या को सही ठहराया और कंपनियों पर लगाए गए बकाया को अंतिम माना।

सितंबर 2020 में अदालत ने बकाया राशि चुकाने के लिए 10 वर्ष की अवधि तय की थी। इसके तहत कंपनियों को 31 मार्च 2021 तक कुल बकाया का 10% भुगतान करना था और शेष राशि 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2031 तक किस्तों में अदा करनी थी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि अब कंपनियाँ कोई विवाद नहीं उठाएँगी और न ही पुनर्मूल्यांकन होगा।

READ ALSO  SBI Loan Fraud: SC Stays Bombay HC Order Permitting Private Firm Chairperson to Travel to UAE

23 जुलाई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों की वे अर्जी भी खारिज कर दी थी, जिनमें गणना में अंकगणितीय त्रुटियों को सुधारने की मांग की गई थी।

वोडाफोन आइडिया और अन्य कंपनियाँ लगातार यह दावा करती रही हैं कि बकाया में दोहराव और गलत गणना शामिल है, जिससे राशि बढ़कर दिखाई गई।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles