भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 31 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। 9 अगस्त, 2024 को हुई इस घटना ने देश भर में आक्रोश और चिकित्सा समुदाय के बीच विरोध को जन्म दिया है।
मुख्य घटनाक्रम
– पीड़ित, एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर, 10 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार हॉल में मृत पाई गई।
– शव परीक्षण रिपोर्ट में बलात्कार और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई, साथ ही कई चोटों के निशान हिंसक संघर्ष का संकेत दे रहे हैं।
– कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक को मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया, जिसके डीएनए साक्ष्य से पता चला कि वह अपराध से जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रव्यापी परिणाम
– इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने 17 अगस्त से पूरे भारत में 24 घंटे के लिए गैर-ज़रूरी चिकित्सा सेवाएँ बंद करने की घोषणा की।
– देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए, जहाँ डॉक्टरों ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की माँग की।
– राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने घटना की अलग-अलग जाँच शुरू की है।
जाँच की प्रगति
– कलकत्ता हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को मामले को केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया।
– CBI की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल सहित प्रमुख गवाहों से पूछताछ की।