आज Supreme Court में माननीय न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने शिक्षामित्रों के संघ द्वारा दायर अपील को खारिज करते हुए Allahabad High Court के फ़ैसले को सही माना है।
प्रदेश सरकार को 69 हजार में से 37339 शिक्षामित्रों को भर्ती करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कट ऑफ मार्क बढ़ाने का राज्य सरकार का निर्णय सही है। परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों को एक मौका दिया है।
इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला 24.07.2020 को सुरक्षित रखा था।
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पूर्व में 9 जून को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि वो सहायक अध्यापकों की भर्ती के दौरान 37339 पदों पर फिलहाल नियुक्ति न करें।
शिक्षा मित्रों का कहना है कि सहायक अध्यापक की भर्ती परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए कट-ऑफ 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 40 प्रतिशत रखा गया था, लेकिन भर्ती के मध्य में ही इसे बढ़ा कर65-60 प्रतिशत कर दिया गया।
उनका कहना था कि यह पूर्णतया गलत है, क्योंकि भर्ती के मध्य में कटऑफ को बढ़ाया नहीं जा सकता है।
सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि योग्यता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। सरकार के वकील ने कहा के उत्तर प्रदेश सरकार के पास 50,000 पद है और हर साल 10 हजार लोग सेवानिवृत्त होते है। इसलिए इन लोागें को अगली भर्ती में मौका दिया जा सकता है।
सरकार ने आगे कहा कि राज्य में अभ्यर्थियों की संख्या में बढ़ोतरी को कारण कट-ऑफ बढ़ना स्वभाविक है।