सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिल फिल्म निर्देशक और राजनेता सीमन के खिलाफ दर्ज 2011 के दुष्कर्म मामले को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से विवाद को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने नोट किया कि शिकायतकर्ता अभिनेत्री ने अपनी शिकायत वापस ले ली है। वहीं सीमन ने एक हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी, अभिनेत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप वापस लिए और भविष्य में उनसे संपर्क न करने का वचन दिया।
पीठ ने आदेश में कहा:

“पक्षकार किसी भी प्रकार की आगे की मुकदमेबाजी जारी नहीं रखना चाहते हैं। उत्तरदाता संख्या 2 (अभिनेत्री) ने भी यह सहमति दी है कि वह किसी भी प्रकार का बयान मीडिया, डिजिटल या अन्य माध्यमों सहित सोशल मीडिया पर अपीलकर्ता के खिलाफ नहीं देंगी… हम पाते हैं कि न्याय के हित में यह उचित होगा कि impugned आदेश को निरस्त किया जाए। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उत्तरदाता संख्या 2 ने अपने हलफनामे में कहा है कि वह अपीलकर्ता के खिलाफ दर्ज सभी शिकायतें और एफआईआर वापस लेंगी। एफआईआर को रद्द किया जाता है।”
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को एक-दूसरे से माफी मांगने का निर्देश दिया था।
सीमन, जो ‘नाम तामिऴर काची’ पार्टी का नेतृत्व करते हैं, ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने से इनकार किया था और पुलिस को जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
अभिनेत्री ने 2011 में सीमन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसमें दुष्कर्म, आपराधिक धमकी और धोखाधड़ी जैसे आरोप लगाए गए थे। ये आरोप तत्कालीन भारतीय दंड संहिता की धाराओं और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत लगाए गए थे।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 2007 से 2011 के बीच सीमन ने विवाह का आश्वासन देकर उनके साथ संबंध बनाए, लेकिन बाद में किसी और महिला से विवाह कर लिया। उन्होंने कहा था कि इस अवधि में उनके साथ यौन शोषण और मानसिक रूप से छल किया गया।