सुप्रीम कोर्ट ने रूसी महिला और उसके बच्चे को तुरंत ढूंढने का निर्देश दिया, विदेश जाने पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरराष्ट्रीय child custody विवाद में गुरुवार को दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एक रूसी महिला और उसके नाबालिग बच्चे का तुरंत पता लगाएं। साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया कि वह महिला और बच्चे के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करे ताकि वे देश छोड़कर बाहर न जा सकें।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ ने महिला का पासपोर्ट जब्त करने और देश के सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर इमिग्रेशन अधिकारियों को सतर्क करने का आदेश दिया।

यह मामला एक भारतीय पिता और उसकी रूसी पत्नी के बीच चल रहे बच्चे की कस्टडी विवाद से जुड़ा है। पिता ने अदालत को बताया कि उसकी पत्नी और बच्चा 7 जुलाई से लापता हैं और कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पीठ ने कहा, “बच्चे के पिता को आशंका है कि याचिकाकर्ता को कोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर जाने में मदद दी गई है। बताया गया है कि 4 जुलाई 2025 को वह एक रूसी राजनयिक के साथ पीछे के दरवाजे से रूसी दूतावास में जाती हुई देखी गईं, जिससे उनका कथित संबंध बताया गया है।”

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सुप्रीम कोर्ट ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रूसी दूतावास के उस राजनयिक के आवासीय परिसर में प्रवेश के लिए अनुमति मांगे, जो 4 जुलाई को महिला के साथ देखा गया था। हालांकि, अदालत ने कूटनीतिक मर्यादा और आपसी संबंधों का हवाला देते हुए दूतावास के अधिकारियों पर कोई सीधा निर्देश जारी नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि अगर किसी राजनयिक ने भारतीय दंड कानून के तहत कोई अपराध किया है तो “कानून अपना रास्ता खुद तय करेगा”।

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पीठ ने रूसी दूतावास के शीर्ष अधिकारियों से अपील की कि वे भारतीय एजेंसियों, विशेष रूप से दिल्ली पुलिस, के साथ सहयोग करें ताकि अदालत के निर्देशों का पालन सुनिश्चित हो सके।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिला के वकील की ओर से दिए गए जवाबों को “बहुत टालमटोल और अस्पष्ट” करार दिया और उसकी नीयत पर संदेह जताया।

यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और दिल्ली पुलिस आयुक्त को सूचित कर अनुपालन के लिए भेजा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को तय की है और संबंधित अधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट मांगी है।

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गौरतलब है कि कोर्ट ने 22 मई 2025 को बच्चे की कस्टडी संबंधी आदेश जारी किए थे, जिसके तहत सोमवार, मंगलवार और बुधवार को मां को और बाकी दिन पिता को बच्चे की विशेष अभिरक्षा सौंपी गई थी। महिला 2019 से भारत में रह रही है और पहले एक्स-1 वीजा पर आई थी, जिसे बाद में अदालत ने कार्यवाही के चलते समय-समय पर बढ़ाया।

कोर्ट ने पहले भी दक्षिण-पूर्व और दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्तों तथा लाजपत नगर और डिफेंस कॉलोनी थानों को दोनों पक्षों के आवासों पर “गोपनीय लेकिन प्रभावी निगरानी” रखने का निर्देश दिया था।

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