एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और केरल के राज्यपालों के कार्यालयों को नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल और केरल की राज्य सरकारों द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में की गई है, जिसमें राज्यपालों द्वारा कई विधायी विधेयकों को मंजूरी देने में की जा रही देरी पर चिंता व्यक्त की गई है।
यह विवाद संबंधित राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को राज्यपालों द्वारा संभालने के तरीके को लेकर है। राज्य सरकारों का आरोप है कि राज्यपाल इन विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं दे रहे हैं, जिससे जनता को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण विधायी उपायों में देरी हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस में देरी के कारणों पर राज्यपालों के कार्यालयों से विस्तृत जवाब मांगा गया है।
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