सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पी.वी. संजय कुमार ने बुधवार को एक वकील को यह सलाह दी कि उच्चतम न्यायालय में दलीलों के दौरान जरूरत से ज़्यादा ईमानदारी कभी-कभी नुकसानदायक हो सकती है। उन्होंने यह टिप्पणी तब की जब एक जूनियर वकील ने बताया कि उनके सीनियर वकील सुप्रीम कोर्ट में पेश नहीं हो सके क्योंकि वह अभी हाईकोर्ट में एक मामले की बहस में व्यस्त हैं।
इस पर जस्टिस संजय कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“इतने ईमानदार मत बनो। भविष्य में यह सीख लो—सुप्रीम कोर्ट में कभी मत कहना कि आपका सीनियर हाईकोर्ट में व्यस्त है। हमारा अहम बहुत नाज़ुक होता है। आप जज के अहंकार को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। आपका केस बाहर हो जाएगा। सीधे। मेरिट पर नहीं। ऐसी बातें मत कहो। छोटे-छोटे सफेद झूठ चल जाते हैं।”

पीठ में साथ बैठे जस्टिस विक्रम नाथ ने भी सहमति जताते हुए कहा:
“आपके सीनियर को ये बातें आपको सिखानी चाहिए थीं।”
इससे पहले, जूनियर वकील ने मामले में ‘पास ओवर’ की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था। हालांकि, जब मामला सूची के अंत में दोबारा बुलाया गया, तो वकील ने फिर कहा कि उनके सीनियर अभी भी हाईकोर्ट में व्यस्त हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई के लिए निर्धारित कर दी।