भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अदालत में अल्पकालिक संविदात्मक असाइनमेंट पर लॉ क्लर्क-कम-रिसर्च एसोसिएट्स को नियुक्त करने की अपनी योजना को संशोधित किया है।
यह योजना लॉ क्लर्कों के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की रूपरेखा तैयार करती है, जिसमें संक्षिप्त सारांश और मामलों का सारांश तैयार करना, शोध करना और मसौदा निर्णय और अकादमिक कागजात तैयार करने में न्यायाधीशों की सहायता करना शामिल है।
लॉ क्लर्कों को अब समनुदेशन अवधि के लिए रु.80,000 प्रति माह और बारह महीने के बाद विस्तार दिए जाने पर रु.90,000 प्रति माह के समेकित पारिश्रमिक का भुगतान किया जाएगा।
लॉ क्लर्क की ड्यूटी के घंटों की समय-सारणी संबंधित न्यायाधीश या रजिस्ट्री अधिकारी द्वारा तय की जाएगी। रजिस्ट्री की चयन प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए पहले दो के साथ चार लॉ क्लर्क मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश के कार्यालय से जुड़े हो सकते हैं।
योग्यता मानदंड में 20 से 30 वर्ष की आयु के बीच कानून स्नातक होना, अनुसंधान और विश्लेषणात्मक कौशल, लेखन क्षमता और कंप्यूटर संचालन का ज्ञान शामिल है।
एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड परीक्षा के लिए योग्यता के प्रयोजन के लिए वह अवधि, जिसके दौरान एक लॉ क्लर्क जज के कार्यालय या रजिस्ट्री से संबद्ध है, की गणना की जाएगी।