सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें जारी किए गए समन को चुनौती दी थी। ये समन पश्चिम बंगाल में कथित बहु-करोड़ शिक्षक भर्ती घोटाले की चल रही जांच का हिस्सा हैं।
अभिषेक बनर्जी, जो तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, और उनकी पत्नी ईडी के रडार पर हैं, उन पर पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। दंपति को ईडी से कई समन मिल चुके हैं, जिसके कारण उन्हें कानूनी सहारा लेना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में, बनर्जी ने प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि उन्हें नई दिल्ली में पेश होने के लिए ईडी का निर्देश मानक कानूनी प्रथाओं का उल्लंघन करता है। उन्होंने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत, जहां समन के लिए विशिष्ट प्रक्रियाएं रेखांकित नहीं की गई हैं, वहां दंड प्रक्रिया संहिता के मानदंड लागू होने चाहिए, जिसके लिए उन्हें कोलकाता में अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के माध्यम से इन दावों में कोई दम नहीं पाया। 13 अगस्त को विचार-विमर्श समाप्त होने के बाद निर्णय को अंतिम रूप दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी याचिका खारिज कर दी गई।