Supreme Court ने देवभूमि हरिद्वार में सार्वजनिक स्थानों पर बने चार मंदिर अखाड़ो को ढहाने के के लिए अगले वर्ष 31 मई तक का समय दिया है। दरअसल कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जनवरी माह में होने वाले कुम्भ मेले को ध्यान में रखते हुए इतने वक्त की महोलत दी गई है।
उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर यह अतिक्रमण अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार और भारतीय अखाड़ा परिषद ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण,जस्टिस सुभाष रेड्डी , और जस्टिस एम आर शाह की संयुक्त पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान भारतीय अखाड़ा परिषद के पक्षकार वकील ने यह माना है कि चारों अखाड़ा मंदिर सिचाईं विभाग की जमीन पर बने हुए है लेकिन इन्हें गिराना नही चाहिए।
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राज्य सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी राय रखते हुए कहा कि हाइकोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माणों को ढहाया जा रहा है। पूरे हरिद्वार में भी 30 से अधिक निर्माणों पर कार्यवाही हुई है। हालांकि तुषार मेहता ने कहा कि जनवरी 2021 में होने वाले कुम्भ मेले को ध्यान देते हुए मंदिर अखाड़ों को नही ढहाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त पीठ ने सभी दलीलों को सुनने के बाद कहा कि हमारी सोच है कि मंदिरों को ढहाने के लिए 31 मई 2021 तक का वक्त दिया जा सकता है। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपको समय दिया जा रहा है लेकिन यह ज्ञात हो कि यह राहत किसी अन्य उद्देश्य के लिए नही है।