शरजील इमाम की एक ही भाषण पर विभिन्न राज्यों में मुकदमा चलाना उचित है? सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम सुनवाई के दौरान यह सवाल उठाया कि क्या नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिए गए एक ही भाषण के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ विभिन्न राज्यों में अलग-अलग मुकदमे चलाना न्यायसंगत है। अदालत ने यह चिंता जताई कि इससे “दोहरी सजा” (Double Jeopardy) जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

शरजील इमाम के खिलाफ उत्तर प्रदेश, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में कई प्राथमिकी (FIR) दर्ज हैं। सभी का आधार एक ही कथित भड़काऊ भाषण है, जिसे यूट्यूब जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों पर प्रसारित किया गया था।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि जब भाषण एक ही है और डिजिटल माध्यम से पूरे देश में सुना जा सकता है, तो क्या वास्तव में अलग-अलग राज्यों में अलग मुकदमों की जरूरत है?

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शरजील की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ डेव ने दलील दी कि एक ही भाषण के लिए अलग-अलग राज्यों में मुकदमा चलाना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे अभियुक्त को अनावश्यक रूप से कई बार सजा भुगतनी पड़ेगी।

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दूसरी ओर, दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने विरोध जताते हुए कहा कि शरजील के भाषण से विभिन्न राज्यों में अलग-अलग प्रभाव पड़ा—बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भीड़ को भड़काने का आरोप है—इसलिए अपराध अलग-अलग हैं।

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “लेकिन भाषण तो एक ही है। अगर यह यूट्यूब पर है, तो पूरे देश में समान प्रभाव पड़ सकता है।” उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि इन सभी मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर एक साथ चलाया जा सकता है ताकि कई मुकदमों की जटिलता से बचा जा सके।

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हालांकि, एस वी राजू ने कहा कि वे अन्य राज्यों का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं, इसलिए मुकदमों को स्थानांतरित करने पर अंतिम निर्णय नहीं दे सकते।

सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित राज्यों और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की गई है।

गौरतलब है कि शरजील इमाम को 28 जनवरी 2020 को बिहार के जहानाबाद से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर यूएपीए (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत देशद्रोह और साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

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