सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कन्नड़ अभिनेता दर्शन को रेणुकास्वामी हत्याकांड मामले में दी गई जमानत रद्द करते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए। यह फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट के दिसंबर 2024 के आदेश को पलटते हुए आया है।
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने 24 जुलाई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। पीठ कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें हाई कोर्ट द्वारा दर्शन और सह-आरोपियों को दी गई जमानत को चुनौती दी गई थी।
पीठ ने कहा, “हमने जमानत देने और उसे रद्द करने दोनों पहलुओं पर विचार किया। स्पष्ट है कि हाई कोर्ट का आदेश गंभीर खामियों से ग्रस्त है और यह एक यांत्रिक अभ्यास जैसा प्रतीत होता है। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूर्व-ट्रायल चरण में ही कर डाली।”

अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में विचार करने के लिए ट्रायल कोर्ट ही उपयुक्त मंच है और “पुख्ता आरोपों के साथ-साथ फॉरेंसिक सबूत भी जमानत रद्द करने को मजबूती देते हैं।”
मामले की पृष्ठभूमि
दर्शन पर अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर 33 वर्षीय रेणुकास्वामी का अपहरण और यातना देने का आरोप है।
पुलिस के अनुसार, जून 2024 में पीड़ित को बेंगलुरु के एक शेड में तीन दिन तक बंधक बनाकर रखा गया, जहां उसे बेरहमी से पीटा गया और बाद में उसका शव एक नाले से बरामद हुआ। यह कार्रवाई कथित तौर पर पवित्रा गौड़ा को भेजे गए अश्लील संदेशों के प्रतिशोध में की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 जनवरी 2025 को कर्नाटक सरकार की याचिका पर दर्शन, पवित्रा गौड़ा और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया था।