भारत में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 2018 कासगंज हिंसा में शामिल होने के लिए 28 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिसके परिणामस्वरूप तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी। मामले की अध्यक्षता करने वाले विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने प्रत्येक दोषी पर 80,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह मामला कासगंज में गणतंत्र दिवस परेड के जश्न के दौरान भड़की सांप्रदायिक झड़प से उपजा था, जिसमें गुप्ता की दुखद रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के कारण इलाके में काफी दंगे हुए, जिसने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया और क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को लेकर बहस छिड़ गई।
गुरुवार को दोषियों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा करने और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने सहित कई आरोपों में दोषी पाया गया। शुक्रवार को अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का निर्णय बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष दोनों की दलीलों पर विचार करने के बाद आया, जिनमें से अभियोजन पक्ष ने कठोरतम संभव सजा की मांग की थी।