समाजवादी पार्टी (एसपी) ने बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के खिलाफ अपना विरोध और तेज कर दिया है। एसपी की कानूनी इकाई ‘समाजवादी अधिवक्ता सभा’ ने अब दिल्ली की मुख्यमंत्री को एक कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें उनके द्वारा एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ दिए गए बयान को मानहानिकारक और असंवैधानिक बताया गया है।
यह विवाद एक टेलीविजन साक्षात्कार के बाद शुरू हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान सांसद अखिलेश यादव के लिए कथित रूप से “आपत्तिजनक और अपमानजनक” शब्दों का प्रयोग किया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस वीडियो क्लिप को सार्वजनिक किया और सवाल किया कि “एक मुख्यमंत्री होते हुए वह इस तरह की भाषा बोलने का साहस कहां से ला रही हैं?”
समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया पाल ने रेखा गुप्ता को कानूनी नोटिस जारी किया है। पाल ने कहा, “यह बयान अत्यंत व्यक्तिगत और मानहानिकारक था। मुझे नैतिक और संवैधानिक रूप से इसका विरोध करना जरूरी लगा। यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि एक पूर्व मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास है।” उन्होंने आगे कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की अपेक्षा नहीं की जा सकती।
मंगलवार को इस मामले को लेकर एसपी महिला सभा की ओर से लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने काली पट्टियां बांधकर विरोध दर्ज कराया। इस प्रदर्शन में एसपी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह, पायल किन्नर, सुमैया राना, बीना रावत, सुमन यादव और वंदना चतुर्वेदी जैसी प्रमुख नेता शामिल रहीं।
जूही सिंह ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से माफी मांगने या इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने कहा, “रेखा गुप्ता को अपने बयान पर शर्म आनी चाहिए। उन्हें अपने घमंड से बाहर आकर देश से माफी मांगनी चाहिए या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए। वह अब इस पद के लायक नहीं रहीं।”
वहीं दूसरी ओर, इस प्रदर्शन को लेकर प्रशासन भी हरकत में आ गया है। बुधवार को लखनऊ पुलिस ने बिना अनुमति प्रदर्शन करने के आरोप में छह नामजद महिला कार्यकर्ताओं और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।