दिल्ली की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। यह मामला एक दशक से अधिक पुराने कानूनी विवाद से जुड़ा है, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपितों को सुनवाई का अवसर देने की संवैधानिक आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “हर चरण पर सुनवाई का अधिकार ही निष्पक्ष सुनवाई को जीवन देता है।” अगली सुनवाई के लिए 8 मई की तारीख तय की गई है।
आरोप: असोसिएटेड जर्नल्स के जरिए Young Indian को मिली संपत्ति
यह मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा जून 2014 में दायर की गई निजी आपराधिक शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी सहित कांग्रेस नेतृत्व पर आपराधिक साजिश और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे।
प्रवर्तन निदेशालय का दावा है कि नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को Young Indian नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी के ज़रिए अप्रत्यक्ष रूप से हासिल किया गया। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ईडी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी ने AJL को करीब ₹90 करोड़ का असुरक्षित ऋण दिया था, जिसे बाद में मात्र ₹50 लाख में Young Indian को स्थानांतरित कर दिया गया। इससे Young Indian को AJL और उसकी संपत्तियों पर पूर्ण नियंत्रण मिल गया, जिनकी अनुमानित कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया के ज़रिए ₹988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई।
कांग्रेस का पलटवार: “राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई”
इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार और ईडी पर विपक्ष के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “आपने देखा होगा कि एक बड़ी साजिश के तहत CPP अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नाम नेशनल हेराल्ड केस की चार्जशीट में डाले गए हैं।”
खड़गे ने यह भी दोहराया कि Young Indian एक गैर-लाभकारी कंपनी है और सरकार इस मामले का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है।
मामला अब निर्णायक मोड़ पर
मामले की प्रारंभिक सुनवाई मजिस्ट्रेट कोर्ट में हुई थी, जिसके बाद ईडी ने 2021 में PMLA के तहत औपचारिक जांच शुरू की।
अब जबकि विशेष न्यायालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को औपचारिक रूप से नोटिस जारी कर दिया है, यह मामला नए चरण में प्रवेश कर चुका है। आगामी 8 मई को अगली सुनवाई निर्धारित की गई है, जिसमें आरोपितों को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करानी होगी।