लंबे समय से चल रही शीना बोरा हत्याकांड की सुनवाई 10 मार्च से रोजाना शुरू होने जा रही है। पीठासीन न्यायाधीश के तबादले के कारण चार महीने से अधिक समय तक सुनवाई स्थगित रही। नवनियुक्त विशेष सीबीआई न्यायाधीश जे पी दारकर ने यह घोषणा की। इससे पिछले साल 23 अक्टूबर को हुई अंतिम महत्वपूर्ण सुनवाई के बाद मामले की कार्यवाही में तेजी आएगी।
शीना बोरा की मौत के समय उम्र 24 साल थी। कथित तौर पर अप्रैल 2012 में उनकी हत्या कर दी गई थी। मुख्य आरोपियों में उनकी मां इंद्राणी मुखर्जी, इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना और उनके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय शामिल हैं। श्यामवर राय बाद में इस मामले में सरकारी गवाह बन गए। जांच के अनुसार, बोरा की कार में गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। बाद में उनके शव को जला दिया गया और रायगढ़ के पास जंगल में फेंक दिया गया।
देश को झकझोर देने वाला यह मामला 2015 में तब प्रकाश में आया जब राय को एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया और उसने हत्या के बारे में जानकारी दी। इंद्राणी मुखर्जी और खन्ना को अगस्त 2015 में हिरासत में लिया गया था, जबकि मीडिया दिग्गज और इंद्राणी के पूर्व पति पीटर मुखर्जी को तीन महीने बाद गिरफ्तार किया गया था। तब से सभी आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने के बाद फरवरी 2017 में आधिकारिक तौर पर मुकदमा शुरू हुआ। अदालत ने अभियोजन पक्ष के 237 गवाहों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें से 90 से अधिक गवाहों की गवाही पहले ही जांची जा चुकी है।
