तमिलनाडु की एक सत्र अदालत ने पूर्व परिवहन मंत्री वी सेंथिल बालाजी की रिमांड 8 जुलाई तक बढ़ा दी है। पिछले साल हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। प्रधान सत्र न्यायाधीश एस. अली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय पुझल जेल से कार्यवाही की अध्यक्षता की, जहां बालाजी वर्तमान में बंद हैं।
गुरुवार की सुनवाई के दौरान फिर से सामने आया यह मामला पिछली AIADMK सरकार में परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमता है, जो विशेष रूप से कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) बालाजी के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा करते हुए जांच का नेतृत्व कर रहा है।
सुनवाई के दौरान बालाजी की बचाव टीम द्वारा दायर दो महत्वपूर्ण याचिकाओं पर बहस पूरी हुई। पहली याचिका में विशिष्ट दस्तावेजों तक पहुंच की मांग की गई थी – अर्थात् “दस्तावेज संख्या 16 और 17 पर भरोसा किया गया” – जो बालाजी के बैंक खाते से संबंधित काउंटरफॉइल चालान हैं और जिन्हें पहले ईडी द्वारा एकत्र किया गया था।
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इसके अतिरिक्त, अदालत ने बालाजी की दूसरी याचिका पर भी चर्चा की, जिसमें चल रही कार्यवाही को स्थगित करने और मामले को बाद की तारीख तक स्थगित करने का अनुरोध किया गया था। न्यायाधीश ने इस याचिका पर आगे की सुनवाई उसी तारीख, 8 जुलाई को निर्धारित की है।