सुप्रीम कोर्ट ने सेंथिल बालाजी की जमानत शर्तें ढीली करने की याचिका पर विचार करने का फैसला किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की उस याचिका पर विचार करने के लिए सहमति जताई जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगी कुछ जमानत शर्तों में ढील देने का अनुरोध किया है। यह मामला राज्य में कथित कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़ा है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बालाजी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नोटिस जारी किया और 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।

बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और नरेंद्र हूडा ने कहा कि वह जमानत आदेश की दो प्रमुख शर्तों में संशोधन चाहते हैं। पहली शर्त के अनुसार उन्हें हर सोमवार और शुक्रवार सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच चेन्नई स्थित ED के डिप्टी डायरेक्टर के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी होती है। दूसरी शर्त में उन्हें तीन निर्धारित अपराधों की जांच से जुड़े अधिकारियों के सामने हर महीने के पहले शनिवार को पेश होना और इन मामलों की सुनवाई कर रही अदालतों में नियमित रूप से उपस्थित रहना होता है।

सिब्बल ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, आरोपपत्र दाखिल हो चुका है और सितंबर 2023 में जमानत मिलने के बाद से बालाजी 116 बार ED के समक्ष पेश हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, “इस अवधि में मैंने कभी अनुपस्थित नहीं रहा और अदालत के निर्देशानुसार ED अधिकारियों के सामने पेश होता रहा हूं।”

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ED की ओर से पेश अधिवक्ता ज़ोहेब हुसैन ने याचिका का विरोध किया और कहा कि अदालत ने पहले ही गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को ध्यान में रखते हुए ये शर्तें लगाई थीं।
उन्होंने कहा, “इन्हीं शर्तों ने ट्रायल के सुचारू संचालन में मदद की है।”

पीठ ने संकेत दिया कि फिलहाल अदालतों में नियमित उपस्थिति वाली शर्त पर विचार नहीं किया जाएगा, लेकिन ED यह स्पष्ट करे कि आरोपपत्र दाखिल होने के बावजूद क्या उसकी उपस्थिति संबंधी शर्त अब भी आवश्यक है।

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सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर 2023 को बालाजी को 15 महीने से अधिक समय हिरासत में रहने के बाद जमानत दी थी। उस समय अदालत ने कहा था कि इस मामले में 2,000 से अधिक आरोपी और 600 से ज्यादा गवाह हैं, इसलिए ट्रायल के जल्द पूरा होने की कोई संभावना नहीं है। लंबी कैद उनकी अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होगी।

हालांकि, अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस तर्क को ध्यान में रखते हुए सख्त शर्तें लगाई थीं कि बालाजी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। अदालत ने ₹25 लाख के निजी मुचलके और दो ज़मानतदारों के साथ उनकी जमानत मंजूर की थी और उन्हें गवाहों से किसी भी तरह का संपर्क न रखने का निर्देश दिया था। उनका पासपोर्ट भी विशेष PMLA कोर्ट में जमा कराने का आदेश दिया गया था।

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ED ने 12 अगस्त 2023 को बालाजी के खिलाफ 3,000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। बालाजी को 14 जून 2023 को कैश-फॉर-जॉब मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।

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