सुप्रीम कोर्ट ने सार्वजनिक रोजगार और शिक्षा में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आरक्षण की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ केरल के एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
जब याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से कहा कि याचिका में सरकारी रोजगार और शिक्षा में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए आरक्षण की मांग की गई है, तो पीठ ने शुरू में उनसे कहा, “आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? हर कोई (अनुच्छेद) 32 के तहत क्यों आता है? आप उच्च न्यायालय का रुख करें।”
वकील ने तब पीठ से कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत का रुख किया है क्योंकि याचिका में सभी राज्यों को पक्षकार बनाया गया है, जिसके बाद अदालत नरम हुई और नोटिस जारी किए।
संविधान का अनुच्छेद 32 भारतीय नागरिकों को उचित कार्यवाही के माध्यम से अपने मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सीधे शीर्ष अदालत में जाने का अधिकार देता है।