सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गुप्ता की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि यह मामला 30 और 31 जुलाई को नियमित मामलों के साथ सूचीबद्ध किया जाएगा। वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से पेश हुईं, ने अदालत को बताया कि वर्तमान DGP की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों के उल्लंघन में की गई है, इसलिए यह मामला तीन-न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सुना जाना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने इस पर कहा कि यदि ऐसा है तो यह मामला अगले सप्ताह नियमित कार्यवाही के दौरान लिया जाएगा।

गौरतलब है कि अनुराग गुप्ता 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से उनके कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश की थी। हालांकि, सूत्रों के अनुसार केंद्र ने इस सिफारिश को खारिज कर दिया।
इससे पहले भी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा अनुराग गुप्ता की “तदर्थ” नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। 6 सितंबर 2023 को शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार और गुप्ता को एक अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया था।
इस अवमानना याचिका में आरोप लगाया गया था कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 2006 के फैसले और उसके बाद के निर्देशों का पालन नहीं किया, जिनमें राज्यों को निर्देश दिया गया था कि DGP की नियुक्ति UPSC द्वारा चुने गए राज्य के तीन वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारियों में से की जाए और उन्हें न्यूनतम दो वर्ष का निश्चित कार्यकाल दिया जाए।