पश्चिम बंगाल के संदेशखली गांव में हुई हिंसा की अदालत की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव द्वारा दायर याचिका में संदेशखाली हिंसा के पीड़ितों के लिए मुआवजे और कर्तव्य में कथित लापरवाही के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई है।
याचिका में जांच और उसके बाद के मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने की भी मांग की गई है।
इसके अलावा यह मणिपुर हिंसा मामले की तरह तीन न्यायाधीशों की समिति से जांच कराने की मांग करता है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में एक स्थानीय टीएमसी नेता द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
क्षेत्र की कई महिलाओं ने स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और जबरदस्ती यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।
कथित तौर पर उससे जुड़ी एक भीड़ ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उसके परिसर की तलाशी लेने गए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमला कर दिया था, जिसके बाद से शाजहान फरार हो गया है।