सुप्रीम कोर्ट ने संभल की मस्जिद पर सफेदी कराने के आदेश के खिलाफ याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले स्थित मुगलकालीन जामा मस्जिद पर सफेदी (व्हाइटवॉशिंग) कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका सतीश कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई थी, जिसमें हाईकोर्ट के निर्देश पर आपत्ति जताई गई थी।

मुख्य न्यायाधीश संजय खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने संक्षेप में कहा,
“हम वर्तमान याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। याचिका खारिज की जाती है।”
इस फैसले के साथ ही हाईकोर्ट का आदेश बरकरार रहा, जिसमें मस्जिद पर सफेदी कार्य एक सप्ताह के भीतर पूरा करने के निर्देश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को दिए गए थे।

READ ALSO  कर्नाटक हाई कोर्ट ने भाजपा प्रमुख नड्डा के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले की जांच पर रोक लगा दी

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने स्पष्ट किया था कि ASI सफेदी करते समय यह सुनिश्चित करे कि दीवारों पर ऐसा कोई अतिरिक्त प्रकाश न लगाया जाए जिससे स्मारक को नुकसान पहुंचे। हालांकि उन्होंने मस्जिद के बाहरी क्षेत्र को रोशन करने के लिए फोकस लाइट या एलईडी लाइट लगाने की अनुमति दी थी।

हाईकोर्ट ने इस संरक्षण कार्य की वित्तीय जिम्मेदारी मस्जिद कमेटी को सौंपी थी और आदेश दिया था कि ASI द्वारा किए गए खर्च को सफेदी कार्य पूर्ण होने के एक सप्ताह के भीतर चुकता किया जाए।

अग्रवाल की ओर से वकील बरुण सिन्हा ने तर्क दिया कि ASI को मस्जिद की दीवारों पर सफेदी करने का कार्य देना अनुचित है और इससे ऐतिहासिक संरचना को नुकसान हो सकता है। लेकिन हाईकोर्ट पहले ही ASI के अधिवक्ता से यह स्पष्ट करने को कह चुका था कि मस्जिद की बाहरी दीवारों पर सफेदी करने से स्मारक को कोई वास्तविक क्षति कैसे हो सकती है। अदालत को ऐसा कोई ठोस कारण नहीं दिखा, जिससे आदेश पर रोक लगाई जा सके।

READ ALSO  Judicial Decision Does Not Violate Fundamental Rights: SC Dismisses Plea to Reconsider Madrasah Act Verdict, Imposes Rs. 1 Lakh Costs

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि मस्जिद के संरक्षण कार्य में न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं समझी गई और हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही ASI द्वारा सफेदी का कार्य आगे बढ़ेगा।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles